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महात्मा गांधी हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में फर्जी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर गिरेगी गाज

आचार संहिता समाप्त होते ही असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती मामले में होगी बड़ी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित महात्मा गांधी हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में नियमों के विरुद्ध नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। आचार संहिता खत्म होने के बाद इन नियुक्तियों पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

पिछले साल बर्खास्त हुए थे कुलपति
पिछले वर्ष असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अनियमितताओं के चलते कुलपति डॉ. आरएस कुरील को पद से बर्खास्त किया गया था। इसके तुरंत बाद आचार संहिता लागू हो जाने से विवादित भर्ती प्रक्रिया पर रोक लग गई थी। अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद इन भर्तियों को रद्द किया जा सकता है।

कैसे विवादों में आई थी यह भर्ती?
जुलाई 2023 में हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन शुरुआत से ही नियमों की अनदेखी और मनमानी के आरोप लगे। दावा किया गया कि कुछ उम्मीदवारों को मनमाने ढंग से नियुक्त किया गया। इस मामले की जांच के लिए राजभवन द्वारा तीन कुलपतियों की एक विशेष समिति बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कुलपति कुरील को बर्खास्त किया गया।

जांच में सामने आईं थीं कई खामियां
जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि भर्ती प्रक्रिया में पीएचडी और नेट क्वालिफाइड उम्मीदवारों को समान अंक दिए गए, जो नियमानुसार गलत था। इस अनियमितता के चलते मामला अभी तक लंबित है।

नए कुलपति की नियुक्ति के बाद बढ़ी कार्रवाई की उम्मीद
हाल ही में विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति हुई है। फिलहाल प्रदेश में पंचायत चुनावों के कारण आचार संहिता लागू है, लेकिन इसके समाप्त होते ही विश्वविद्यालय प्रशासन इस विवादित भर्ती पर अंतिम निर्णय ले सकता है।

तीन साल से अटकी पड़ी है भर्ती प्रक्रिया
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में 2021 में 595 प्रोफेसर पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। तीन साल बीत जाने के बाद भी केवल 13 विषयों में ही दस्तावेज सत्यापन पूरा हुआ है, जबकि 17 विषयों में यह प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई। इससे इंटरव्यू प्रक्रिया में भी देरी हो रही है।

लैब टेक्नीशियन और ग्रुप-3 भर्ती भी अधर में
हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में 2023 में लैब टेक्नीशियन और ग्रुप-3 पदों के लिए भी भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन आवेदन और दावा-आपत्ति के बाद यह प्रक्रिया ठप पड़ी है।

36 फर्जी असिस्टेंट प्रोफेसरों की जांच जारी
विश्वविद्यालय में 36 सहायक प्राध्यापकों की फर्जी नियुक्तियों के आरोप सामने आए हैं। इस घोटाले में पहले ही कुलपति को बर्खास्त किया जा चुका है। अब जल्द ही इन फर्जी नियुक्तियों पर अंतिम कार्रवाई की संभावना है।

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